












130 करोड़ की आबादी वाला भारत देश जो एक प्रगतिशील राष्ट भी है तथा जिसे विश्व में युवा प्रधान देश के नाम से जाना जाता है के 70% युवाओं का नशे में लिप्त होना सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। भारत देश के युवाओं में बढ़ते नशीले पदार्थों का सेवन जैसे शराब, तंबाकू-सिगरेट, ड्रग्स-गांजा इत्यादि आम बात बनती जा रही है। नशीले पदार्थों का सेवन शरीर और मन के साथ-साथ समाज और आर्थिक स्थिति पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। ऐसे पदार्थों का अत्यधिक सेवन करने वाले स्वयं के शरीर का तो नाश करते ही हैं परिवार में भी कलह का कारण बनते हैं।
आज जिस आजाद हिंदुस्तान में हम स्वांस ले पा रहे रहे हैं उसकी आज़ादी के पीछे लाखों क्रांतिकारियों का त्याग व बलिदान है। अतः जो युवा नशा करते हैं वो वास्तव में क्रांतिकारियों का अपमान करते हैं।
वर्तमान परिस्थितियों में देश की युवा पीढ़ी को नशा मुक्त बनाने की बहुत आवश्यकता है जिसके लिए समाज में जागरूकता बहुत जरूरी है।
नशा मुक्त समाज का निर्माण की आवश्यकता
मादक पदार्थ जीवन के लिए जरूरी नहीं है एवं किसी भी धर्म में इनका समर्थन नहीं किया गया है। किसी भी राष्ट्र को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए उस राष्ट्र की युवा पीढ़ी को नशा व जाति रहित होना अत्यंत आवश्यक है। लोगों का स्वस्थ्य और जीवन स्तर ऊंचा होना अत्यंत जरुरी है।
नशा मुक्त समाज का निर्माण कैसे किया जा सकता है
नशा मुक्त समाज के निर्माण के लिए बड़े पैमाने जागरूकता अभियान चलाने की बहुत ज़्यादा आवश्यकता है। हर एक व्यक्ति को नशे के दुष्प्रभाव एवं इससे होने वाले बुरे असर के बारे में जागरूक करना होगा।